Showing posts with label Urdu Hindi Love Shayari. Show all posts
Showing posts with label Urdu Hindi Love Shayari. Show all posts

Monday, September 23, 2019

मैं तो बस पल भर के लिए बहकने आया था

कलियों के लबों का तबस्सुम खरीदने आया था,
मैं तुम्हारे शहर में अपने कुछ दर्द बेचने आया था.

तुम ने भी सुधार दिया तो फ़िर जियूँगा कैसे मैं,
तुम्हारे पास तो आख़िर मैं बिगड़ने आया था.

वो तो मेरी लाश पर से भी गुज़रने को तैयार था,
मैं बेवजह ही उस क़ातिल को रोकने आया था.


वो जानता है के मैं नहीं सुनता किसी की भी,
फ़िर भी मुझ को वो मज़बूर करने आया था.

तुमने क़ैद कर लिया है मुझे उम्र भर के लिए,
मैं तो बस पल भर के लिए बहकने आया था.

मैंने सुना था के सुकूँ बहुत है उस की बज़्म में,
सो दावत उस के जल्वों की उड़ाने आया था.

सुना था बहुत के उस की आँखें बोला करती हैं,
सो "आकाश" मैं भी उन्हीं को देखने आया था.